रहस्यमय जंगल का भूत | The Ghost of the Mysterious Forest – Bhutni Kahani
रहस्यमय जंगल का भूत | The Ghost of the Mysterious Forest – Bhutni Kahani

किसी जमाने में एक घना जंगल था जिसे लोग “रहस्यमय जंगल” के नाम से जानते थे। इस जंगल में घुसने की हिम्मत बहुत कम लोग करते थे क्योंकि माना जाता था कि वहाँ एक भूत का वास है। गाँव वालों के अनुसार, जो भी इस जंगल में गया, वह कभी वापस नहीं आया।
गाँव के किनारे एक नौजवान राजकुमार रहता था जिसका नाम अर्जुन था। उसका दिल बहुत बहादुर था और उसे किसी भी प्रकार का डर नहीं था। एक दिन उसने अपने दादा जी से रहस्यमय जंगल के बारे में कहानियाँ सुनीं और उसने फैसला किया कि वह इस रहस्य को सुलझाएगा।
अर्जुन ने जंगल में प्रवेश किया और देखते ही देखते वह एक गहरी अंधेरी जगह पर पहुँच गया। उस जगह पर एक पुराना, टूटा-फूटा महल था। महल के अंदर अजीबोगरीब आवाजें आ रही थीं। अर्जुन ने धीरे से महल के दरवाजे को धक्का दिया और अंदर चला गया।
अंदर का दृश्य बहुत ही डरावनी था – झूमते परछाइयाँ, टूटे-फूटे फर्नीचर, और दीवारों पर लगे धूल भरे चित्र। अर्जुन ने अपनी तलवार निकाल ली और आगे बढ़ता गया। अचानक उसे एक कमरे से रोशनी नजर आई। जब वह उस कमरे के करीब पहुँचा, तो उसने देखा कि वहाँ एक महिला का भूत खड़ा था।
भूत ने अर्जुन को देखते ही कहा, “तुम यहाँ क्यों आए हो? यह स्थान तुम्हारे लिए खतरनाक है।”
अर्जुन ने हिम्मत दिखाते हुए कहा, “मैं तुम्हारे बारे में जानने और तुम्हें मुक्ति दिलाने आया हूँ।”
महिला का भूत थोड़ी देर चुप रहा और फिर बोलना शुरू किया, “मैं इस महल की रानी थी। मेरे पति ने मुझे धोखा दिया और मुझे इसी महल में बंद कर मरने के लिए छोड़ दिया। मेरी आत्मा को शांति नहीं मिल रही क्योंकि मेरा अंतिम संस्कार ठीक से नहीं हुआ।”
अर्जुन ने वादा किया कि वह उसकी आत्मा को शांति दिलाने के लिए उसका अंतिम संस्कार पूरी विधि से करेगा। भूत ने उसकी बात मान ली और कमरे से गायब हो गया।
अर्जुन ने गाँव वापस जाकर सब कुछ गाँव वालों को बताया और सभी ने मिलकर रानी का अंतिम संस्कार किया। इस घटना के बाद जंगल भी अब सुरक्षित हो गया और वहाँ किसी भी प्रकार की भूतिया घटनाएँ नहीं घटीं। अर्जुन की बहादुरी से गाँव में शांति और सुरक्षा वापस आ गई।
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