पुरानी हवेली की आत्मा | The Ghost of the Old Mansion

पुरानी हवेली की आत्मा | The Ghost of the Old Mansion

पुरानी हवेली की आत्मा | The Ghost of the Old Mansion

पुरानी हवेली की आत्मा

यह कहानी है एक छोटे से गाँव की जिसका नाम था श्यामनगर। इस गाँव में एक बहुत ही पुरानी और बड़ी हवेली थी जिसे लोग “श्याम हवेली” के नाम से जानते थे। हवेली की खूबसूरती के पीछे एक भयानक रहस्य था – लोग कहते थे कि वहाँ एक आत्मा का वास था। कहा जाता था कि जब भी किसी ने हवेली में रात बिताने की कोशिश की, उसने अपनी जिंदगी खो दी या पागल हो गए।

गाँव वालों का मानना था कि श्याम हवेली में एक पुरानी रानी की आत्मा भटकती है, जिसने उस जगह पर किसी अनजान कारण से अपनी जान दे दी थी। इस रहस्य ने सभी को डरा रखा था और कोई भी वहाँ जाने की हिम्मत नहीं करता था।

एक दिन, गाँव में एक नवयुवक जिसका नाम रवि था, आया। रवि ने पुरानी कहानियाँ और अफवाहों को कभी गंभीरता से नहीं लिया। जब उसने श्याम हवेली के बारे में सुना, तो उसने सोचा कि यह सब झूठ है और उसने निर्णय लिया कि वह उस हवेली में एक रात बिताकर गाँव वालों को साबित करेगा कि यह सब सिर्फ कहानियाँ हैं।

गाँव के बुजुर्गों ने उसे समझाने की कोशिश की, लेकिन रवि ने उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया। एक शाम, रवि अपने कुछ ज़रूरी सामान लेकर हवेली के लिए निकल पड़ा। हवेली बहुत ही पुरानी और खंडहर जैसी दिख रही थी, जहाँ जाकर किसी की भी रूह काँप उठे।

रात का समय हो गया और हवेली में गहरी चुप्पी छा गई। रवि ने एक कमरे में अपना बिस्तर लगाया और अपनी टॉर्च जलाकर चारों ओर देखने लगा। हवेली के अंदर कीमती चित्र, टूटे-फूटे फर्नीचर, और धूल भरी किताबें थीं। रवि ने चारपाई पर लेटकर एक किताब उठाई और पढ़ने लगा, लेकिन अचानक एक ठंडी हवा का झोंका आया और दरवाजा खुद-ब-खुद बंद हो गया।

रवि सहम गया, लेकिन उसने खुद को संभाला और किताब पढ़ने लगा। तभी उसे लगा कि कोई उसके पीछे खड़ा है, लेकिन जब उसने मुड़कर देखा, तो वहां कोई नहीं था। उसकी दिल की धड़कन तेज़ हो गई। उसने सोचा शायद उसे भ्रम हो रहा है, लेकिन तभी एक तेज़ चीख की आवाज ने उसकी नींद को उड़ा दिया।

रवि का चेहरा पसीने से भीग गया। उसने देखा कि कमरे का दरवाजा खुल चुका था और अंधेरे में से कोई सफेद-लिबास पहने हुए एक महिला की परछाई दिख रही थी। वह परछाई धीरे-धीरे पास आ रही थी। रवि डर के मारे उठ कर भागने लगा, लेकिन जैसे ही उसने दरवाजे से बाहर निकलने की कोशिश की, दरवाजा बंद हो गया।

अब वह परछाई बिल्कुल उसके सामने थी। महिला की आँखें लाल हो चुकी थीं और चेहरा भयानक था। उसने रवि से कहा, “तुमने मेरी शांति भंग की है। इस जगह से चले जाओ।”

रवि ने हिम्मत जुटाई और कहा, “मैं यह जानना चाहता हूँ कि तुम्हारी आत्मा को शांति क्यों नहीं मिल रही।” महिला की आत्मा ने आह भरी और बोली, “यह मेरी कहानी है। मैं रानी श्यामा हूँ। मेरे पति ने मुझे यहाँ बंद कर दिया था और मैं भूख और प्यास से मर गई थी। मेरी आत्मा को शांति नहीं मिली क्योंकि मेरा अंतिम संस्कार नहीं किया गया।”

रवि ने वादा किया कि वह उसकी आत्मा को शांति दिलाने के लिए उसका अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से करेगा। महिला की आत्मा ने उसकी बात मानी और गायब हो गई। अगली सुबह, रवि ने गाँववालों को सब कुछ बताया और सभी ने मिलकर रानी श्यामा का अंतिम संस्कार किया।

उस रात के बाद, कोई भी भूतिया घटना नहीं घटी और हवेली अब एक शांतिपूर्ण जगह बन गई। रवि की बहादुरी से गाँववालों ने उसे सम्मानित किया और श्याम हवेली अब गाँव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई, जहाँ लोग बिना डर के जाया करते थे।

इस प्रकार, रवि ने अपनी हिम्मत और समझदारी से न केवल अपने डर को हराया, बल्कि एक निर्दोष आत्मा को भी शांति दिलाई। यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना बहादुरी और बुद्धिमानी से करना चाहिए।

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow